Sunday, January 12, 2014

दिन थ्वारे अछ्यौ आए रहे।

दिन थ्वारे अछ्यौ आए रहे।


वहु द्याखौ चेन छडाए गए,
वहु ज्याब कटी, वहु लूट लए,
वहु रेल लड़ी, पुल टूट गए,
मारग मा गड़हां, डूब गए। 

शुकराचार विराज गए,
लरिका सब लम्बरदार भए,
नंबर बढ़वाए टाप गए,  
कापी परचा लै भाजि गए।  

वहु भवा घोटाला जेल गए. 
सुन सुन यहु जी उकताय गए,
इतनै भर भारत नही अहै, 
दिन थ्वारे अछ्यौ आए रहे।

गुनगुने घाम मा ताप लिए,
चाउर चिरियन चिंहुकाए दिए,
चहकन चुनमुन चुप गुना किए,
दिन थ्वारे अछ्यौ आए रहे।

गोंहू फिर से हरियाय गए,  
सरसो के फूल पियार भए, 
वो आए आस जगाय गए,
दिन थ्वारे अछ्यौ आए रहे।

बांधे कतार इस्कूल गए, 
चक पार करैं किलकार दिए, 
मस्ती से दर्जा पास किए, 
दिन थ्वारे अछ्यौ आए रहे।

द्याखौ कैसे मुस्काय दिए,
वो आए आस जगाय गए,
जादू की छड़ी घुमाय रहे, 
दिन थ्वारे अछ्यौ आए रहे।  

बिटियन ने मेडल जीत लिए, 
ऊपर उठ चन्दा चूम लिए,
बोझा ये भाव भुलाय रहे, 
दिन थ्वारे अछ्यौ आए रहे।

पढ़ भैया देश बिदेश गए,
अमरीकौ तक चौंधाए गए, 
सब द्वीपन मा फहराए रहे,
दिन थ्वारे अछ्यौ आए रहे।

यहु मंगल गृह की ओर गए, 
क्रायोजेनिक शाबास हुए, 
मंज़िल दर मंज़िल बढ़ा रहे, 
दिन थ्वारे अछ्यौ आए रहे।

द्याखौ अछयौ दिन फिन आए, 
फिर हवा मलय लहराय गए,
गान्ही फिर सुमिराय रहे,   
दिन थ्वारे अछ्यौ आए रहे।

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