Friday, October 30, 2020

फैसले:

 फैसले: 

कभी दिमाग, कभी विवेक और कभी दिल से, कभी  दिल और दिमाग, कभी दिमाग और विवेक, कभी विवेक और दिल, कभी कभी तीनों के सुसंयोग से होते हैं।  

Thursday, October 29, 2020

बेरहम

बड़ा बेरहम  है ये जालिम वक्त ऐसा, 
बेमशरफ़ दुनिया की सैर कराता है !
 
जब कहीं जाने को, बेचैन रहें हरदम, 
बाँध कर खूंटे से कैदी बना देता है।   

कहाँ तो करने चले चलने की तैयारी, 
कहीं से ले आया नयी एक कहानी।  

दिल दिया दिमाग दिया 

 


Wednesday, October 21, 2020

चश्मा

  'चश्मा'

यहु चश्मा जादू भरा जैसे गुन की खान !
खड़ी दुपहरी में लगै निशा घेरि मुस्काय !!

करिया चश्मा धारि कै कइयौ काज सधांय !
धूप धूल कनिका कनी नहीं समावैं क्वार !!

आप तड़ें जग ना तकै आँखिन क्यारे भाव !
आँख झरोखे आड़ ते तजबीजै सब संसार !!