Sunday, February 24, 2019

लिखकर

"लिखकर दोस्तों में मेरा नाम उसने,
पल भर में मुझे भीड़ का हिस्सा बना दिया....." 
FK

23. Feb 2017

Saturday, February 2, 2019

बान निराले

बान निराले 

कवन अवनि कस कूल किनारे !
अलक झलकि अस मुग्ध निहारे !! 

मन मोहै तन सुघर रिझावै !
झिलमिल झिलमिल, बहुरि लुभावै !! 

नील गगन तल नीलहि उतरै,
नील धार धरि गहिरे ठरकै !! 

बसन अरुण पट पीत सुहावै !
आये वसन्त लै बान निराले !! 

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