Saturday, March 21, 2020

अखबारी मुनादी : आज है कविता दिवस

अखबारी मुनादी : आज है कविता दिवस 
21 मार्च 2020 

कविता - कोई नियत 
पल-दिवस नहीं देखती।  
आती है अपने से 
भावों में बहती।  
इस बार नहीं आयी 
होली पर भी, 
भावों की झोली भी 
रह गयी कोरी कोरी। । 
क्या करती,
नए रंगों की पिचकारी !
अभी तलक है वैसी ही 
जस की तस रची रंगी,
पिछली होली की रंगोली !

Tuesday, March 3, 2020

हौले से

आपने हौले से ये क्या कह दिया !!
मूक के मुंह में रसा ये खाण्ड सा !!

आपको शायद ही यह एहसास हो !
किस कदर ज़ेहन मेरा महका दिया !!