Tuesday, October 26, 2021

पारी पारा चले जा रहे, 
सबको ही तो जाना है ! 
जितना जिससे हो पाए, 
बकिया सब निपटाना है ! 
इक दिन आएगा परवाना  
फिर काहे सकुचाना है !!
प्रेम पियाला पियो कंठ भर, 
भर भर नेह लुटाना है !!