Monday, August 22, 2022

 क्या संकेत छुपे हैं !!!

देखा, विचित्र,
देख कर भूल जाने वाली
खास सीढ़ियों पर चढ़ते,
जहाज से लखनऊ के लिए उड़ते,
लैंड करते करते,गोता लगा कर
ज़मीन छूने से पहले
फिर उड़ गया जहाज।


उतारा रेलवे स्टेशन पर,
आते जाते लोगों के बीच,
हैरान-परेशान पटरियां पार करके
पहुँचा उस पार के छोटे प्लेटफॉर्म पर।
देखा स्टेशन का नाम 'डिहरी'
चला तो लखनऊ के लिए,
यहाँ कैसे आ गया !!
क्या गड़बड़ हो गयी,
सोचा, सामने के पुलिस कार्यालय में पता करते हैं।

तभी वो सपना टूट गया,
मगर पहले की तरह भूला नहीं।
लोग कहते हैं सपने
भावी का संकेत करते हैं।
बार बार जेहन में घूम रहा है,
बार बार जेहन में घूम रहा है,
घूम रहा है जाने क्या कहा गया !
उस  सपने में !!! !!
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Thursday, August 18, 2022

अपराध बोध

नहीं, वैसा कभी नहीं कर सकता,
किसी की इक्षाएं नकार कर, 
ललचा कर, किसी भी तरह, सीमाएं लाँघ कर, 
इतना भरोसा है अपने आप पर।  

मगर मन की बहकन का क्या करूँ, 
मनमाना है भटक जाता है, 
लालच, आसक्ति, नेह, द्वेष से, 
करें या कहें नहीं, तो भी, अपराध बोध से भर देता है।