Saturday, June 15, 2019

'थोरै थोर !'

Rakesh Tewari
Published by Rakesh Tewari
'थोरै थोर !'
बटिया से बान्हल
बटोहिया की डोर,
बटोहिया से बतियाँ
बनाईं थोरै थोर !
बटोहिया से नेहिया,
रचाईं रचि सोच,
अंखियन में लोरवा,
घेराई थोरै थोर !
मिताई तरणी कै
छंड़ाई ओहि ओर,
धारा अंजुरी से
रिसाई थोरै थोर !
एक दिन बटोहिया
बिसरि जाई देश,
सुगनवा से हियरा
बझाईं थोरै थोर !
निंदाई नींद आयी
सोवाई बहु घोर,
मीठ मीठ लोरी
सुनाईं थोरै थोर !

बटोहिया कै मंजिल 
गइल नियराय,
तोहार राह लामी,
बटाई  थोरै थोर !
बटिया से बान्हल
बटोहिया की डोर,
बटोहिया से बतियाँ
बनाईं थोरै थोर !
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