'बिधना गढ़ाए !!!'
तीन से तेरह से
तीस दिन, तीन महीने,
तीन सौ दिन के तीन फेरे,
बस बातें और बातें !!
पाहन घिस जाए,
धार भोथराए,
जाने कस,
बिधना गढ़ाए !!!
का करे !!
बसिया बसियौटा
कहां ले सरियाएं
जाएं बरैं, बहाँय ।
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'बहते बेड़े पर --'
'जीवन' April 2019
'भोर बोलै कागा'