'चश्मा'
यहु चश्मा जादू भरा जैसे गुन की खान !
खड़ी दुपहरी में लगै निशा घेरि मुस्काय !!
खड़ी दुपहरी में लगै निशा घेरि मुस्काय !!
करिया चश्मा धारि कै कइयौ काज सधांय !
धूप धूल कनिका कनी नहीं समावैं क्वार !!
आप तड़ें जग ना तकै आँखिन क्यारे भाव !
आँख झरोखे आड़ ते तजबीजै सब संसार !!
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