Wednesday, October 21, 2020

चश्मा

  'चश्मा'

यहु चश्मा जादू भरा जैसे गुन की खान !
खड़ी दुपहरी में लगै निशा घेरि मुस्काय !!

करिया चश्मा धारि कै कइयौ काज सधांय !
धूप धूल कनिका कनी नहीं समावैं क्वार !!

आप तड़ें जग ना तकै आँखिन क्यारे भाव !
आँख झरोखे आड़ ते तजबीजै सब संसार !!

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