Wednesday, September 16, 2020

' एक आमफ़हम'

'एक आमफ़हम'  


वो जिसे देख कर, 
जिससे मिल-बात करके आप,
इतने प्रभावित हो गए हैं, 
वो वैसा ही नहीं है। 

वो परिमार्जित बातचीत,
और सलीका उसका,
जिस पर कायल हुए हैं, 
वो उसका अपना नहीं है।  
उसने वह सब, परिवार,
अभ्यास, शिक्षा, समाज 
और  लम्बी परम्परा में
रच कर  पाया है ।  

उसकी बतायी गयीं 
हासिल कामयाबियां और 
ऊंचे ओहदे उसके जतन
के प्रतिफल नहीं हैं।  
उसके उस जगमग,
प्रभामंडल में कितने ही 
दानिशमंदों का अरसे से रोशन 
निखार समाया हुआ है। 

जिन बातों पर आपने तालियां 
बजायी हैं, उन्हें मिला कर  
उसके आयामों का 
उतना ही पहलू बनता है।   
बाहर से दिखती उसकी 
खुशियों और सफलता के पीछे 
दारुण पीड़ा और असफलताओं 
का बड़ा ज़खीरा है।  

अब तक उसके बारे में 
जो जाना समझा है ना !!
वो तो उसका सही सही  
पूरा परिचय नहीं है।  
मोहक आवरणों के पीछे 
परत दर परत दबी उसकी  
अजानी परतों के नीचे छुपा
एक आमफ़हम ही है।  
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