Wednesday, October 12, 2022

 

Rakesh Tewari  10 Oct 2022

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लद्दाख : HIAAS #
बेशक बार बार आने की चाहत होती है हिमालय पार लद्दाख: 'नील गगन के तले' - रणबीरपुर स्थित सेंटर फॉर 'हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्कियोलॉजी एंड एलाइड साइंसेज' के मनमोहक परिसर में।
पारम्परिक लद्दाखी निवास के सामने पसरे रेगिस्तानी पठार, पॉपलर के ऊँचे दरख्तों और विलो के मंझले झाड़ों के बीच से झांकते गहरे नीले आसमान में बहकते बादलों के नज़ारे देखते को किस रसिक का मन नहीं ललचाएगा !!!
करीब ही हैं पूर्व-बौद्ध युग (बॉन) के सुरगामती महल के खंडहर, थिकसे और स्टाकना के प्रसिद्ध और सदियों पुराने मठ, बर्फ से ढके राजसी पहाड़ों के मनोरम दृश्य, ओक की परतों से ढकी लुढ़कती पहाड़ियाँ, बेहद खूबसूरत शाम के नज़ारे दिखाती सिंधु नदी, सेब के बगीचे और हरियाली घास के बीच सेंटर के शांत माहौल में रहते हुए, तारों जड़े रात का आकाश निहारने केआनंद वही समझ सकता है जो कुछ दिन वहां गुज़ार कर समझे। हाल ही में दूसरी बार हमने ये सुख पाया।
गंभीर शोध पर चर्चा और मौज मस्ती में बहकने के लिए अति उत्तम स्थान है यह सेंटर। चमचमाती हुई पॉपलर की शाखों और विलो की टहनियों से बनी छत निहारते हुए पारम्परिक सभा-कक्षों में लदाखी अंदाज़ में ज़मीन पर सजे आसनों पर विराजने, गुड़-गुड़ चाय ढुलकाते हुए डूब कर ने मन चाहे अंदाज़ में बतियाने का मन करे वो यहाँ जरूर बैठ सकते हैं।
खाना रहना सादा-सस्ता-दुरुस्त। छोटे वर्क शॉप के लिए बहुत बेहतर। इसीलिए हमसे पहले बीएचयू के प्रोफ़े ज्ञानेश्वर चौबे के नेतृत्व में एक ग्रुप ने यहाँ डेरा डाला। 2019 में हमने डॉ सोनम स्पलजिन (HIAAS), डॉ नीरज राय (BSIP), डॉ. मानसा राघवन (University of Chicago) के सौजन्य से आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में भाग लेने का सुअवसर पाया। हमारे बाद चित्रकारों के वर्कशॉप और स्थानीय क्राफ्ट पर किसी आयोजन की भी खबर रही।
डॉ तासी और डॉ विराफ मेहता से बात हुई है, फिर आएँगे, बार बार आएँगे, उनसे मिलने लद्दाख में, जल्दी ही।
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अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें इस लिंक पर : https://www.facebook.com/photo/?fbid=144502540711811&set=a.104728828022516

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