Explorer's Blog
Saturday, July 24, 2021
चलो यहाँ से भी, कहीं दूर चलें अब,
चुरा के वक्त ले जाने लगे हैं लोग ।
रोज ही जश्न, मनाने लगे हैं लोग।
पार्टियों में वक्त बिताने लगे हैं लोग।
चलो अरण्यों में बस जाएं कहीं अब।
चलो यहाँ से भी, कहीं दूर चलें अब !!
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