Wednesday, October 10, 2018

सावन के पग बगिया में !!!!!

सावन के पग बगिया में !!!!!     


दबे कदम, सुन रसिया रे ! 
श्यामा आयीं सज धज के !!
हिल-मिल, खेलैं फुहरा में, 
भीजैं झिर-झिर झिरिया रे !!!

पग पगिया, सुन रसिया रे !   
ताल तलैया तरु तल रे !                
लहरि लहरि जल लेय हिलोरें, 
तव लय डोलै तरनी रे !!

झनन झनन, सुन रसिया रे !
केंका धुन, सब कुंजन में ! 
दादुर टेर, पोखरियन में, 
भीज परिंदा, गुड़-मुड़ रे ! 

रस बरसै, सुन रसिया रे ! 
छाई घटा, मन परबस रे !
भीजी धरती, भीज चुनरिया, 
जिउ छटकै, कस रसिया रे !!

कहाँ छुपे, सुन रसिया रे !
मनबसिआ मोरे, रसिया रे 
धुन लहकै, सुन रसिया रे !
जोह रहे फुल-वरिया में !! 

मधुर राग, सुन रसिया रे !
मधु टपकै, सब बिरवन ते। 
श्याम बदन, सुन रसिया रे !  
सावन के पग बगिया में !! 

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29 July 2018

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