Tuesday, March 26, 2013

तोहरै सहाय


१ 
यै 'फागुन', ए 'बाबा'! तोहरै सहाय। 
उज्जर चदरिया, रंगाईल बनाय, 
यै 'फागुन', ए 'बाबा'! तोहरै सहाय। 

२. 
कैसन बयरिया बा, हरिना कुदाय,
तपसिया में रहली, आसन डोलाय।

३. 
निमिया कै पाती, गइल पियराय,  
हियरा ह हल्लुक, पवन पत्ताय।  

पत्ताय = हवा में पत्ते की तरह लहराना 

४. 
कांची कोपलिया, सगरो सजाय,
मुवलौ लतरिया, मूड़ी उठाय। 

कांची = कच्ची, कोपलिया = कोपल, सगरो = सब जगह, मुवलो = मरा हुआ, लतरिया = लतर, मूडी = सिर  

५. 
टहकै ल सेमल, लाली लहाय,
चिरई स चिहुंकै, जियरा बहाय।   

टहकै = चटक 

६. 
मह मह ह मोजरा, महुआ चुआय,   
बोरसी क रखियौ, बहुर सुलगाय।   

बोरसी = बुझी हुई आग राख से दबा कर रखने वाला पात्र 

७. 
कैसन पियसिया, पियले गढाय,
केतनौ छकावै, न रचिकौ अघाय।  

पियसिया = प्यास, पियले = पीने पर, रचिकौ = तनिक भी, अघाय = मन भरना 

८. 
आवैं पहुनवा, झूरै ना जांय,
रंगल गुलाबी, हरियर सुहांय। 

पहुनवा = मेहमान/ दामाद, झूरै = सूखे 

९. 
बीड़ा रंगीला, मीठा चभाय, 
पल्लू उमेठे, गारी गवाय।  

१०. 
जोगिया ब बाना, जटा गोलियाय,
भसम तन रचाये, फिरहू रसाय। 

गोलियाय = साधुओं की गोल ऊंची जटा, रसाय = रसयुक्त होना 

११. 
मसाने रमावैं, निरल्ले सधाय,
फगुवा बरावैं, ऊ माथे ठठाय। 

मसाने = श्मशान, निरल्ले = एकांत, बरावें = बचाना, ठठाय = ठहाका मार कर हंसना  

१२  
मनवा न ठहरै, तड़कै अगार, 
बछरू ल लहकै, पगहा तोड़ाय। 

तड़कै = उछल कर उस पार जाना, अगार = आवास, बछरू = बछड़ा, पगहा = रस्सी, तोड़ाय = तोड़ कर छूटना 

१३
अंगरवा स दहकै, टेसुआ फुलाय,
मुड़ेरवा से मारैं, धनुही तनाय। 

अंगरवा = अंगार, दहकै = लाल शोले की तरह जलना, टेसुआ = टेसू/पलाश , फुलाय = फूलना, मुड़ेरवा = मुडेर, धनुही = छोटा धनुष (आँख की धनुही जैसी उठी भौंह)

१४. 
फुद्कै फुलसुन्घिया, बुलबुल अनार,
कुंजन मा चहकै, अंखिया नचाय। 

फुलसुन्घिया = फूल सूंघने वाली नन्ही चिड़िया

१५. 
रत रात रानी गमकै, बगिया महाय,
पकरिया कै कल्ला, नियारे सजाय। 

रत = रमना, रत-रानी = रातरानी का पौधा, महाय = महकना, पकरिया = पाकड़ का पेड़, कल्ला = नयी उगी पत्तियाँ, नियारे = न्यारे 

१६. 
चन्दा ह चटकल, छिटकै उजार,
रजनी नहावल ह, पियरी छहाय। 

१७. 
नयके न मानैं, नसेनी लगांय,
सूधे पुरनियन पै, किरची चलांय। 

नयके = युवा, नसेनी = सीढी; किरची = कांच का नोकीला टुकडा

१८. 
लरिके महल्ले के, लक्कड़ जुटांय,   
टोले मा होरी, मलंग मस्ताय। . 

१९. 
होरियार गावैं, घर-घर दुवार,
विजयसाल ठनकै, फगुआ फुहाय।  

विजयसाल = शाल की लकड़ी का ढोल जैसा वाद्य, फुहाय = रुई के फाहे जैसा 

२०. 
सरोपा भिझोवें, रहिया छेंकाय,
चारिह्यून मुहानी, गगरिया फोराय। 
सरोपा = सिर से पैर तक, भिझोवें = भिगाना, रहिया = रास्ता, छेंकाय = रोक कर, चारिह्यून मुहानी = चौराहे के चारों रास्तों के प्रारम्भ, गगरिया = गगरी/घडा, फोराय = फोड़ना 

२१.   
भीजल कमरिया, घमवा सुखाय,
जुड़ाइल ह भित्तर, रहि रहि ठराय।

भीजल = भीगी हुई, कमरिया = कम्बल, घमवा = धूप, जुडाइल = ठंढ लगना

२२.  
रंगाइल ह मेहंदी स, चटकय चढ़ाय,  
रचि-रचि रचाइल ह, पोरवा पिराय,    
यै 'फागुन', ए 'बाबा'! तोहरै सहाय। 

पोरवा = पोर/ जोड़ 

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