Saturday, November 1, 2025

 'बिधना गढ़ाए !!!'


तीन से तेरह से
तीस दिन, तीन महीने,
तीन सौ दिन के तीन फेरे,
बस बातें और बातें !!

पाहन घिस जाए,
धार भोथराए, 
जाने कस, 
बिधना गढ़ाए !!!

का करे !!
बसिया बसियौटा 
कहां ले सरियाएं
जाएं बरैं, बहाँय ।

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