निरभ्र क्षितिज,
मुचमुचाती आँखें,
अव्यक्त अबूझ चाहतें।
जिज्ञासा, कौतूहल, रुचियाँ।
आकर्षण, सौंदर्य बोध,
रसना, आसक्ति,
शिक्षा, ज्ञान, पाप-पुण्य।
गुण-दोष, राग-विराग,
सम्मोहन,अनुभव, विवेक,
पूर्ण समुच्चित एकरूप।
मुचमुचाती आँखें,
अव्यक्त अबूझ चाहतें।
जिज्ञासा, कौतूहल, रुचियाँ।
आकर्षण, सौंदर्य बोध,
रसना, आसक्ति,
शिक्षा, ज्ञान, पाप-पुण्य।
गुण-दोष, राग-विराग,
सम्मोहन,अनुभव, विवेक,
पूर्ण समुच्चित एकरूप।