सुबह सुबह सोचते रहे,
जल्दी जल्दी लिखेंगे,
जो कुछ अधूरा
पूरा करेंगे।
वक्त बहुत कम है
बहुत कुछ पूरा करना है ।
फिर हुए उनींदे उनींदे,
अलस अशक्त
पलकें बन्द
इतनी जल्दी ही
गहरी नींद में पलट गईं,
बहुत बहुत अधूरा है अभी।
'बहते बेड़े पर --'
'जीवन' April 2019
'भोर बोलै कागा'