Friday, December 19, 2025

 सुबह सुबह सोचते रहे, 

जल्दी जल्दी लिखेंगे,  
जो कुछ अधूरा 
पूरा करेंगे। 
वक्त बहुत कम है
बहुत कुछ पूरा करना है ।

 फिर हुए उनींदे उनींदे,
अलस अशक्त 
पलकें बन्द 
इतनी जल्दी ही 
गहरी नींद में पलट गईं, 
बहुत बहुत अधूरा है अभी।

No comments:

Post a Comment