उसने कहा -
'ऐ बादल !
जहाँ तुम्हारा जन्म हुआ,
वह तुम्हारा घर नही !
जहाँ का अनुपम सौंदर्य
निकलने के
सारे रास्ते
छीन ले
वहाँ है तुम्हारा घर !'
'ऐ बादल !
जहाँ तुम्हारा जन्म हुआ,
वह तुम्हारा घर नही !
जहाँ का अनुपम सौंदर्य
निकलने के
सारे रास्ते
छीन ले
वहाँ है तुम्हारा घर !'
बादल बोला
एक जगह
टिक कर रहना
मेरी फितरत नहीं
मनमाना विचरता
जहाँ मोहा बरसता
किसी और मोहक
लोभ की ओर
बढता हुआ .
एक जगह
टिक कर रहना
मेरी फितरत नहीं
मनमाना विचरता
जहाँ मोहा बरसता
किसी और मोहक
लोभ की ओर
बढता हुआ .
उसने कहा
ऐ बादल !
ठीक कहते हो, मगर
मेरा सम्मोहन
कुछ ऐसा है कि
चले जाओगे
फिर फिर आकर
इन्हीं वादियों,
घाटियों में बरसने
फुनगियों में
बसने के लिए .
ऐ बादल !
ठीक कहते हो, मगर
मेरा सम्मोहन
कुछ ऐसा है कि
चले जाओगे
फिर फिर आकर
इन्हीं वादियों,
घाटियों में बरसने
फुनगियों में
बसने के लिए .
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