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Rakesh Tewari
भटक अटक कर, चला बटोही,
किनके रंग की पूंजी जोरी !
देश गाम में, फिरती चकरी,
किनसे पायी रंग बटोरी !
कितने रंग जुटे किस बखरी,
कवन रंग फागुन चटकारी !
क्या बतलाएं किनके रंग की,
कितनी कैसी आभा बिखरी !
संचित रंगों वारी झोरी,
छितराई किनकी इस होरी !!
भटक अटक कर, चला बटोही,
किनके रंग की पूंजी जोरी !
देश गाम में, फिरती चकरी,
किनसे पायी रंग बटोरी !
कितने रंग जुटे किस बखरी,
कवन रंग फागुन चटकारी !
क्या बतलाएं किनके रंग की,
कितनी कैसी आभा बिखरी !
संचित रंगों वारी झोरी,
छितराई किनकी इस होरी !!
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