जियरा जुड़ाय
१.
लहका लगा के कहवां गइलें हो लुकाय,
हेरि हेरि हेरैं हरी कतौं न लखांय।
२.
चिरइयन क चुनमुन, बिहाने न भाय,
ओ गाछे पै कूजन, न संझवै सुहाय।
३.
उचरल ह हियरा, न कइस्यउ थिराय,
समझि नहीं आवत अ, कवनो उपाय।
४.
दिनवा बिसरि के, सकारे में आय,
गोरु गोधुरिया में जस गोठियाय।
५.
हारी ह बेमारी ओ न हलवै बताय,
सोच-सोच उंच-नीच धीरज ओराय।
६.
चिठिया न पतिया संदेशवौ न आय,
जल बिन मीन अस बिरवा झुराय।
७.
भूल-भाल आवैं हरी झलकी देखांय,
थोरकै अनन्द पाए, जियरा जुड़ाय।
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