आए ना आए, ज़िक्र तेरा आ ही जाए,
जिस तरफ जाएं, उसी रस्ते पे आए।
आए वो आए, हर कदम साए सा आए,
सपने में आए, जागते लम्हों में आए।
आए वो आए, इस तरह हौले से आए,
फाख्ता उड़ते हुए, छज्जे पे आए।
आए वो आए, आस का दीपक जलाए,
आए वो आए, फिर वही दीदार पाएं।
आए वो आए, फिर वही कूचा दिखाए,
आए वो आए, याद वो कैसा सताए।
आए ना आए, अक्स तेरा आ ही जाए,
जाए न जाए, नक्श वो आ कर ना जाए ।
आए वो आए, किस कदर रह रह के आए,
आए वो आए, आए वो लब से न जाए ।
-----
No comments:
Post a Comment