यारी यार
घिरे घने अंधियार में, दीपक जले हज़ार,
गहरे में जब जा गिरें, राह दिखाएं यार।
ऎसी यारी कुछ करें, धक्का देंय गिराय,
उलटी वारी बह चलें, करने लगें प्रहार।
यारी करता है नही, होती है इक बार,
बनी बावली घूमती, रहे पहेली यार।
चुन यारी चलती चली, रही आर या पार,
चुनते ही वो कट गई. मिली ना यारी यार।
यारी की उनको मिली, तीखी बस तासीर,
हमको मीठी सी मिली, जैसी पूनो खीर।
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