Tuesday, June 4, 2019

'बहुत हुआ'

'बहुत हुआ'  

चला, चला,
कुछ दूर चला।
आया झोंका,
सौरभ वाला।   
फिर ठिठक गया 
फिर, बहक गया
फिर उलझ गया ! 
बहुत हुआ 
अब बहुत हुआ !

चला चला, 
मुड़-मुड़ देखा। 
फिर-फिर बंधना,
फिर-फिर खुलना। 
फिर से रंगना,
फिर महामोह 
नूपुर बजना।      
बहुत हुआ, 
अब, बहुत हुआ। 
  

चला, चला, 
आनंद भरा,
अवसाद भरा,
फिर, राग भरा
फिर, भाव भरा,
फिर-फिर डूबा, 
फिर  उतराना।   
बहुत हुआ.
अब, बहुत हुआ।


चला, चला, 
कुछ दुःख पाया,
कुछ गलत किया,
कुछ सबक लिया।  
फिर-फिर गिरना,
फिर-संभल गया,  
फिर, जतन किया।  
बहुत हुआ, 
अब बहुत हुआ।  


छोडो बंधना,  
आसव, झुलना,   
अब, झूल लिया।  
अब है चलना,  
उस ओर वहाँ,  
सुरमई गगन, 
सरके डोला। 

बहुत हुआ। 
अब बहुत हुआ।   
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