सावन के पग बगिया में !!!!!
दबे कदम, सुन रसिया रे !
श्यामा आयीं सज धज के !!
हिल-मिल, खेलैं फुहरा में,
भीजैं झिर-झिर झिरिया रे !!!
पग पगिया, सुन रसिया रे !
ताल तलैया तरु तल रे !
लहरि लहरि जल लेय हिलोरें,
तव लय डोलै तरनी रे !!
झनन झनन, सुन रसिया रे !
केंका धुन, सब कुंजन में !
दादुर टेर, पोखरियन में,
भीज परिंदा, गुड़-मुड़ रे !
रस बरसै, सुन रसिया रे !
छाई घटा, मन परबस रे !
भीजी धरती, भीज चुनरिया,
जिउ छटकै, कस रसिया रे !!
कहाँ छुपे, सुन रसिया रे !
मनबसिआ मोरे, रसिया रे
धुन लहकै, सुन रसिया रे !
जोह रहे फुल-वरिया में !!
मधुर राग, सुन रसिया रे !
मधु टपकै, सब बिरवन ते।
श्याम बदन, सुन रसिया रे !
सावन के पग बगिया में !!
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29 July 2018
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