जब तक जीवन है
सांस सांस जीना ही है।
सुबह से शाम तलक
कुछ तो करना ही है।
रुचिकर हो ना हो
रस्ता तो कटना ही है।
मन तन रुख सूख
चुक तो जाना ही है !
जब तक हो पाए
साथ गहे चलते रहना है।
मगर किसी ठाँव तो
सबको ठह ही जाना है।
कारवां नहीं रुकता लेकिन,
उसको बढ़ते ही जाना है।
सांस सांस जीना ही है।
सुबह से शाम तलक
कुछ तो करना ही है।
रुचिकर हो ना हो
रस्ता तो कटना ही है।
मन तन रुख सूख
चुक तो जाना ही है !
जब तक हो पाए
साथ गहे चलते रहना है।
मगर किसी ठाँव तो
सबको ठह ही जाना है।
कारवां नहीं रुकता लेकिन,
उसको बढ़ते ही जाना है।
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