लागै कछु ऐसो जस राधा जी रुसाईँ,
लाग-डांट कान्ह पर पाछे मुस्काईं।Rakesh TewariApril 15 at 8:00 AM
अलहदा नज़रिया, अलग सी कहानी।
रीति नाहीं तोरी ! समझ मोहे आयी,
नेह मनुहारी अस ! देके सोझे गारी !!!
लाग-डांट कान्ह पर पाछे मुस्काईं।Rakesh TewariApril 15 at 8:00 AM
अलहदा नज़रिया, अलग सी कहानी।
रीति नाहीं तोरी ! समझ मोहे आयी,
नेह मनुहारी अस ! देके सोझे गारी !!!
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