शुभाषितम्
दास कबीरा उल्टी बानी,
दुनिया कितनी भई सयानी ।
दुनिया कितनी भई सयानी ।
देख बुराई, बोल बुराई,
सुनौ बुराई, करौ बुरा ही,
बुरा किए ही दाना पानी,
जय जय बोलौ यही बयानी,
सुनौ बुराई, करौ बुरा ही,
बुरा किए ही दाना पानी,
जय जय बोलौ यही बयानी,
दास कबीरा उल्टी बानी,
दुनिया कितनी भई सयानी ।
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January 12.2018
दुनिया कितनी भई सयानी ।
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January 12.2018
जब बोलौ तब सूधी बानी,
माघ लगे पर सतुआ सानी,
भला करौ जस औघर ग्यानी,
अपनै जड़ मा अमृत डारी,
दास कबीरा उल्टी बानी,
दुनिया कितनी भई सयानी ।
दुनिया कितनी भई सयानी ।
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