१
यै 'फागुन', ए 'बाबा'! तोहरै सहाय।
उज्जर चदरिया, रंगाईल बनाय,
यै 'फागुन', ए 'बाबा'! तोहरै सहाय।
२.
कैसन बयरिया बा, हरिना कुदाय,
तपसिया में रहली, आसन डोलाय।
३.
निमिया कै पाती, गइल पियराय,
हियरा ह हल्लुक, पवन पत्ताय।
पत्ताय = हवा में पत्ते की तरह लहराना
४.
कांची कोपलिया, सगरो सजाय,
मुवलौ लतरिया, मूड़ी उठाय।
कांची = कच्ची, कोपलिया = कोपल, सगरो = सब जगह, मुवलो = मरा हुआ, लतरिया = लतर, मूडी = सिर
५.
टहकै ल सेमल, लाली लहाय,
चिरई स चिहुंकै, जियरा बहाय।
टहकै = चटक
६.
मह मह ह मोजरा, महुआ चुआय,
बोरसी क रखियौ, बहुर सुलगाय।
बोरसी = बुझी हुई आग राख से दबा कर रखने वाला पात्र
७.
कैसन पियसिया, पियले गढाय,
केतनौ छकावै, न रचिकौ अघाय।
पियसिया = प्यास, पियले = पीने पर, रचिकौ = तनिक भी, अघाय = मन भरना
८.
आवैं पहुनवा, झूरै ना जांय,
रंगल गुलाबी, हरियर सुहांय।
पहुनवा = मेहमान/ दामाद, झूरै = सूखे
९.
बीड़ा रंगीला, मीठा चभाय,
पल्लू उमेठे, गारी गवाय।
१०.
जोगिया ब बाना, जटा गोलियाय,
भसम तन रचाये, फिरहू रसाय।
गोलियाय = साधुओं की गोल ऊंची जटा, रसाय = रसयुक्त होना
११.
मसाने रमावैं, निरल्ले सधाय,
फगुवा बरावैं, ऊ माथे ठठाय।
मसाने = श्मशान, निरल्ले = एकांत, बरावें = बचाना, ठठाय = ठहाका मार कर हंसना
१२
मनवा न ठहरै, तड़कै अगार,
बछरू ल लहकै, पगहा तोड़ाय।
तड़कै = उछल कर उस पार जाना, अगार = आवास, बछरू = बछड़ा, पगहा = रस्सी, तोड़ाय = तोड़ कर छूटना
१३
अंगरवा स दहकै, टेसुआ फुलाय,
मुड़ेरवा से मारैं, धनुही तनाय।
अंगरवा = अंगार, दहकै = लाल शोले की तरह जलना, टेसुआ = टेसू/पलाश , फुलाय = फूलना, मुड़ेरवा = मुडेर, धनुही = छोटा धनुष (आँख की धनुही जैसी उठी भौंह)
१४.
फुद्कै फुलसुन्घिया, बुलबुल अनार,
कुंजन मा चहकै, अंखिया नचाय।
फुलसुन्घिया = फूल सूंघने वाली नन्ही चिड़िया
१५.
रत रात रानी गमकै, बगिया महाय,
पकरिया कै कल्ला, नियारे सजाय।
रत = रमना, रत-रानी = रातरानी का पौधा, महाय = महकना, पकरिया = पाकड़ का पेड़, कल्ला = नयी उगी पत्तियाँ, नियारे = न्यारे
१६.
चन्दा ह चटकल, छिटकै उजार,
रजनी नहावल ह, पियरी छहाय।
१७.
नयके न मानैं, नसेनी लगांय,
सूधे पुरनियन पै, किरची चलांय।
नयके = युवा, नसेनी = सीढी; किरची = कांच का नोकीला टुकडा
१८.
लरिके महल्ले के, लक्कड़ जुटांय,
टोले मा होरी, मलंग मस्ताय। .
१९.
होरियार गावैं, घर-घर दुवार,
विजयसाल ठनकै, फगुआ फुहाय।
विजयसाल = शाल की लकड़ी का ढोल जैसा वाद्य, फुहाय = रुई के फाहे जैसा
२०.
सरोपा भिझोवें, रहिया छेंकाय,
चारिह्यून मुहानी, गगरिया फोराय।
सरोपा = सिर से पैर तक, भिझोवें = भिगाना, रहिया = रास्ता, छेंकाय = रोक कर, चारिह्यून मुहानी = चौराहे के चारों रास्तों के प्रारम्भ, गगरिया = गगरी/घडा, फोराय = फोड़ना
२१.
भीजल कमरिया, घमवा सुखाय,
जुड़ाइल ह भित्तर, रहि रहि ठराय।
भीजल = भीगी हुई, कमरिया = कम्बल, घमवा = धूप, जुडाइल = ठंढ लगना
२२.
रंगाइल ह मेहंदी स, चटकय चढ़ाय,
रचि-रचि रचाइल ह, पोरवा पिराय,
यै 'फागुन', ए 'बाबा'! तोहरै सहाय।
पोरवा = पोर/ जोड़
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