2012 : पीले पड़ गए पन्ने
दिन ना पूरा होता है, रात न पूरी होती है,
दोनों मिल जाते हैं तब पैमाइश पूरी होती है।
यह बारात है उन लोगों की जिनका दूल्हा जोगी है,
इन्हें न मारो इन्हें साध लो यह शिव जी की टोली है।
मूरत में भी प्राण प्रतिष्ठा बनी तभी तक रहती है,
जब तक उन्हें पूजने वालों में संकल्पित रहती है।
अरे पहरुओं तनिक सोच लो मंदिर कभी न गिरता है,
मूरत अगर विखंडित होती कहीं विसर्जित होती है।
एक बड़ा सैलाब उठा सब ओर कीच ले आता है,
साफ करो आँगन चौबारा मंदिर वही शिवाला है।
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