Explorer's Blog
Tuesday, February 21, 2023
क्षणिक
सब कुछ
क्षणिक ही तो है,
कुछ भी स्थाई नहीं।
पल प्रतिपल सब बीतता हुआ,
पहर दिन सप्ताह माह बरस,
जीवन जीव जहान,
सब क्षणिक।
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